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अकाउंटेंट की चुदाई (Sex With Accountant in Hindi)

अकाउंटेंट की चुदाई (Sex With Accountant in Hindi)

वार्म विशेज तो आल ऑफ़ यू. ये मेरी पहली कहानी है और मैं वायदा करता हु, कि नियमित रूप से आप को अपने सेक्स अनुभव को थोड़ा मिर्च- मसाले के साथ आप को बताता रहूँगा. मेरा नाम सुनील है और मैं २६ साल का एक मैरिड पर्सन हु. मैं हरियाणा से हु और अभी एमपी में बिज़नस कि वजह से रहता हु.



आपका ज्यादा समय ना लेते हुए, मैं स्टोरी पर आता हु.

एक बार, मैं एक डांस प्रोग्राम में गया. जैसे की, मैंने आपको बताया कि मैं एक बिज़नस मेन हु. तो मुझे वहां पर इनविटेशन पर बुलाया गया था. सभी पार्टिसिपेंट के लिए मेरी तरफ से कैश प्राइज था. उन पार्टिसिपेंट में से एक लड़की थी, जिसका नाम शर्मीला था. वो प्रोग्राम के बाद मुझसे पर्सनली मिलने आई और मेरा एड्रेस और फ़ोन नम्बर माँगा. कोई वैसी बात नहीं थी. तो मैं भी मना नहीं किया और अपना एड्रेस और फ़ोन नंबर उसको दे दिया.

लगभग एक महीने बाद, वो अपने फादर के साथ मुझसे मिलने आई. उस दिन क्या क़यामत लग रही थी वो. मैं तो उसे देखकर हैरान ही रहा गया था. ३६-२४-३६ का परफेक्ट फिगर और उसपर उसने फ्रोक पहनी हुई थी. बट मैं उसे पहचान नहीं पाया. फिर, उसने अपने आप को इंट्रो करवाया और मुझे अपने बारे में याद दिलवाया. मैंने उसे और उसके फादर को अन्दर बुलाया और नौकर को टी और वाटर लाने को कहा. चाय पीने के बाद, मैंने उनसे उनके आने का कारण पूछा. तो उन्होंने बताया, कि शर्मीला ने १२वि कर ली है और वो कंपनी अकाउंट के बारे में प्रक्टिकल नॉलेज गेन करना चाहती है. इसलिए आपके साथ रहकर काम सीखना चाहती है और आपकी हेल्प भी करना चाहती है. अगर आप अपने कीमती समय में से समय निकालकर इसको कुछ सिखा सके, तो आपकी बड़ी मेहरबानी होगी. मैंने कहा – डॉन’ट वोर्री अंकल, इसमें मेहरबानी कि क्या बात है? आप कल से इसे भेज दीजिये.. मैं पूरी कोशिश करूँगा,इसे सिखाने की.

नेक्स्ट दिन से वो डेली घर पर आने लगी. मैं अपना बिज़नस घर से ऑपरेट करता था. एकबार मेरी वाइफ को कुछ अर्जेंट काम से अपने मायके जाना पड़ा. नौकर को घर के सारे काम निपटा लेते थे, लेकिन खाना मैं सिर्फ अपनी वाइफ के हाथ का ही खाता था. उसके जाते ही, मुझे खाने कि प्रॉब्लम हो गयी. कोई खाना बनाने वाला नहीं था और मुझे बनाना आता नहीं था. पहला दिन तो जैसे- तैसे निकल गया. अगले दिन मोर्निंग में,मैं काफी लेट उठा. १० बजे शर्मीला आई और उसने डोरबेल बजायी, तब मैंने उठकर दरवाजा खोला. शर्मीला सुबह १० बजे आती थी और शाम को ५ बजे चली जाती थी, क्योंकि उसका घर करीब १२ किमी दूर था. शर्मीला को कंप्यूटर वर्क समझाकर मैं नहाने चले गया और बाद में चाय बनायीं और रेडीमेड ब्रेड के साथ खुद भी खाया और शर्मीला को भी सर्वे किया. चाय पीने के बाद, उसने मुझसे पूछा –

शर्मीला – सर, आपका खाना कौन बना रहा है?

मैं – कोई नहीं.

शर्मीला – तो क्या आप होटल में खाना खा रहे हो?

मैं – नहीं, मुझे होटल का खाना खाने कि आदत नहीं है.

शर्मीला – तो फिर?

मैं – फिर क्या? ब्रेड और नूडल से काम चला रहा हु.

शर्मीला – आप बैठिये, मैं आती हु. ऐसा कहकर वो किचन में चली गयी और लगभग आधे घंटे बाद, वो खाना बनाकर ले आई.

मैं – तुमने क्यों तकलीफ की?

शर्मीला – इसमें तकलीफ कि क्या आप है. ये बात तो आपको मुझे कल ही बता देनी चाहिए थी. मैं घर से खाना बनाकर ले आती.

मैं – ना ना. कोई बाद नहीं. बस कल- कल की बात और है. फिर तो मैडम आ ही जायेंगी. फिर हमने साथ में खाना खाया. लगभग १ बजे कॉल आया, कि साईट पर एक एक्सीडेंट हो गया है और लेबर को काफी चोट आई है. मैंने शर्मीला को ये बात बताई और और जल्दी ही वापस आने को कहकर वहां से चला गया. बट, वहां जाकर पता चला, कि लेबर को चोट काफी ज्यादा आई है और उसे दुसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करना पड़ेगा. उसको एडमिट करवाने और दूसरी फॉर्मेलिटी में कब शाम हो गयी, पता ही नहीं चला. ६ बज चुके थे और मुझे पता ही नहीं चला. मुझे शर्मीला का ख्याल आया, तो मैंने उसे कॉल किया और बताया. कि मुझे आने में लेट हो जाएगा और तुम घर का ताला लगाकर, पड़ोस में चाभी देकर अपने घर जाने के लिए बोला. मैं थोड़ी देर हॉस्पिटल में ही रुका रहा और जब लेबर कि थोड़ी हालत सुधरी. तब मैं घर के लिए निकला. लेकिन तब तक रात के १० बज चुके थे. मैंने घर आकर कार पार्क की और जब मैं गेट कि तरफ देखा, तो वहां ताला नहीं लगा हुआ था. मैंने डोरबेल बजायी, तो शर्मीला ने दरवाजा खोला.

शर्मीला – आप आ गये सर? अब कैसी है लेबर की तबियत?

मैं – अब ठीक है. बट तुम यहाँ क्या कर रही हो? घर क्यों नहीं गयी अभी तक?

शर्मीला – आज लेट होने पर पापा का कॉल आया था और मैंने जब उन्हें सारी बात बताई. तो उन्होंने मुझे यहाँ रुकने को कहा. वैसे भी आज रात आप नहीं आने वाले थे. तो ये सुनकर उन्होंने मुझे घर को खाली नहीं छोड़ने को कहा. आप के या आपके नौकर के आने के बाद सुबह ही वापिस आने के लिए बोला.

मैं – थैंक्स फॉर आल थिंग्स.

शर्मीला – इट्स ओके. आप फ्रेश हो जाओ. मैं खाना लगाती हु.

मैं – ओके. मैं फ्रेश होकर आ गया और हमने साथ में ही खाना खाया. मैंने चेंज कर लिया था और उसे भी चेंज करने को कहा. मैंने उसे अपनी वाइफ कि अलमारी से कपड़े लेने के लिया ऑफर किया. उसने मेरी वाइफ कि अलमारी से एक नाईटई ले ली. वो उसे पहनकर किचन में बर्तन धोने चली गयी और मैं टीवी देखने लगा. कुछ देर बाद, मुझे चाय कि तलब लगी और मैं किचन में गया और अपने वाइफ की नाईटई को देखकर उसको पुकारा और चाय के लिए बोला. मेरी आवाज़ सुनकर शर्मीला मुड़ी, तो मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ. मैं उसे सॉरी कहा.

शर्मीला – कोई बात नहीं सर.

फिर हम दोनों ने चाय पी और सोने के लिए कमरे में चले गये. मैं शर्मीला को बेड पर सोने के लिए बोला और अपने लिए बेडशीट और पिलो लेने लगा.

शर्मीला – कहाँ चले सर?

मैं कहा – किचन में सोने के लिए.

मेरे घर में एक ही रूम है और वो किचन के साथ में ही है.

शर्मीला – नहीं सर, मुझे अच्छा नहीं लगेगा. कि आप मेरी वजह से जमीन पर सोने वाले हो. अगर किसी को जमीन पर सोना ही है. तो मैं किचन में जाकर सो जाती हु.

फिर उसने मेरी तरफ से बेडशीट और पिलो अपनी साइड में खीच लिए. हम दोनों कि काफी देर बहस चलती रही और फिर वो बोली –

शर्मीला – पलंग काफी बड़ा है. आप और मैं दोनों पलंग के दोनों कोनो पर सो जाते है.

पहले तो मुझे थोड़ा अटपटा लगा, लेकिन फिर हम दोनों पलंग के दोनों कोनो पर लेट गये. आधी रात के वक्त मेरी नीद खुली और मुझे अहसास हुआ, कि शर्मीला मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को सहला रही थी, मैंने महसूस किया, कि उसने मेरा लोअर नीचे सरकाया हुआ है और वो अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को पकड़कर दबा रही थी. मेरी अचानक से नीद खुली और मैं उठ बैठा.

मैं – क्या कर रही हो?

शर्मीला – वहीँ, जो मैं नहीं होती. तो मैडम जी कर रही होती. इतना कहकर उसने अपने हाथो से मेरे अंडरवियर को नीचे कर दिया और मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया.

मैं – देखो शर्मीला……..

शर्मीला – (मेरी बात को बीच में ही काटकर) हाँ सर. अब देखने को मिला आपका. ओह माय गॉड! कितना बड़ा है.. कितना मोटा और लम्बा है…!

मैं – देखो ये सब गलत है. तुम्हारे पापा ने किसी विश्वास के साथ ही यहाँ पर रुकने को कहा था.

शर्मीला – हाँ, तो मैं भी उनके विश्वास के अनुरूप ही ये सब कर रही हु. उन्होंने कहा था, कि घर का और घर के सामान का ख्याल रखना और मैं आपका और आपके सामान का ख्याल रख रही हु.

उसने मेरा लंड मुह में भर लिया और चूसने लगी. अरे भाई, मैं भी तो अब इन्सान ही हु. कब तक कण्ट्रोल करता. मैं भी उसके हर ब्लोजॉब के साथ मदहोश होने लगा था. मैंने ऊपर से हाथ उसकी चुचियो पर रख दिए. अब तो वो जैसे पागल ही हो गयी थी. वो जोर- जोर से मेरा लंड मुह में लेकर अन्दर- बाहर कर रही थी. लगभग १० मिनट मिनट के बाद, उसने मेरे लंड को अपने मुह से निकाला और कहा –

शर्मीला – ओह माय गॉड! कितना जिद्दी है. मेरे मुह में तो दर्द होने लगा. मैंने अपने हाथ उसकी बगल में डाल दिए और उसको अपनी और खीच लिया और उसको किस करने लगा. लगभग १० मिनट तक, मैं उसको होठो को चूसता रहा. मैंने जब अपने होठो को उसके होठो से हटाया, तो देखा कि उसके लिप्स पर से खून आने अलग था. मैंने अपनी जीभ से उसके होठो का खून चाटा. वो अभी भी मेरे लंड को सहला रही थी. अब मैंने उसको सीधा लिटाया और उसकी नाईटई को ऊपर तक खीच दिया. फिर, मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया और एक जोरदार धक्का मारा. लेकिन उसकी चूत इतनी टाइट थी, कि मेरी कोशिशे नाकामयाब हो रही थी. मुझे लगा, कि मैं सुहागरात कि तरह अपनी बीवी की चूत से खेल रहा हु.

मैं – पहले कभी किया नहीं क्या?

शर्मीला – क्या?

मैं – सेक्स…

शर्मीला – नहीं..

मैं – तो तुम में इतनी डेरिंग कहाँ से आ गयी, कि हम दोनों के बीच सेक्स कि शुरुवात तुमने की.

शर्मीला (हँसते हुए और मुस्कुराते हुए) – बस आ गयी. सहेलियों से सेक्स के बारे में काफी सुना था. मन में एक अजीब सी गुद्गुद्दी थी. पर कभी मौका नहीं मिल पा रहा था. और आज मौका मिला, तो मैंने उसे हड़प लिया. किसी अनजान के साथ से करने से तो अच्छा आपके साथ सेक्स करना है. और आप कोई लड़की थोड़ी हो, कि शोर मचाओगे?

मैं – अरे मेरी चम्म्क-छल्लो, अगर मैं नहीं मानता और तुम्हारे फादर से कंप्लेंट करता? तो फिर क्या करती?

शर्मीला – अगर, आप नहीं मानते. तो मैं शोर मचा देती और आपको धमकी देती. आपकी बात कौन सुनता? सब मेरी ही बात सुनते और सही मानते. हिंदी फिल्मे नहीं देखते क्या?

मैं – काफी कुछ सिख रही हो, हिंदी फिल्मे देख- देखकर.

उसने अपनी आखे मटका दी.

अब मेरा लंड पूरी तरह से तन्न चूका था और उसकी क्वारी और करारी चूत को देखकर मस्ती में फुंकार रहा था. मैंने उसको बिस्तर पर लिटाया और उसके कपड़े उतार दिए और उसको पूरा नंगा कर दिया.मैंने उसको पूछा – कभी इंग्लिश मूवी या पोर्न मूवी नहीं देखी?

शर्मीला – नहीं…

मैं – देखोगी?

शर्मीला – हाँ…

मैंने पलंग से उतारकर एक पोर्न मूवी चालू कर दी. बहुत ही गरम सीन चल रहा था. मैंने उसको नंगा किया और खुद भी नंगा हो गया. अब मेरा लंड ८ इंच के ऊपर का हो चूका था. मैंने उसकी टांगो को खोला और अपनी जीभ को उसकी चूत पर लगा दिया. मेरे जीभ के टच होते ही, उसे लगा.. मानो उसके शरीर में करंट लग गया हो. वो बिना पानी की मछली की तरह तड़प रही थी. उसने अपनी टाँगे मेरी छाती में लगायी और मुझे पीछे धक्का दिया.

मैंने उसकी टांगो को पकडे रखा और अपने मुह को उसकी चूत में घुसाये रखा.वो तड़प रही थी और उसकी टाँगे मुझे बुरी तरह से मार रही थी. उसको मज़ा आ रहा है और उसके मुह से निकल रहा था. अहहहाह अहहः उहुहुह्हुह्हू… एस एस … ओह माय गॉड…. मैं मर जाउंगी, सर. अब सहन नहीं हो रहा है. प्लीज अब मेरी चूत की खुजली मिटा दो. मैंने अपने मुह को उसकी चूत से निकाला और उसको सीधा लिटा दिया. मैंने उसकी टांगो को पूरा खोला और अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा. उसके चेहरे की तड़प मुझमे जोश भरने लगी थी. मैंने एक जोर का झटका मारा. उसकी चूत बहुत टाइट थी और मेरा लंड उसकी चूत की चिकनाहट के कारण साइड में फिसल गया. मैं ज्यादा देर नहीं की और पलंग की ड्रावर में से क्रीम निकाली और अपने लंड और उसकी चूत दोनों पर लगा दी और दोनों को मस्त चिकना कर दिया.

अब मैंने फिर से एक बार, अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और जोर का धक्का मारा. मेरा धक्का इतना तेज था, कि मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में घुस गया. मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में घुसते ही, वो पागलो की तरह चीखने लगी.

शर्मीला – अहहहहाह अहहहः मर्र्रर्र्र्रर्र्र ग्यीईईईईईईइ… सर.. मर गयी…. बाहर निकालो. अभी बाहर निकालो.

मुझे उसकी बात सुनकर ग़ुस्सा आ गया और मैंने उसको २-४ थप्पड़ रसीद कर दिए और बोला –

मैं – साली कुतिया, पहले तो गरम करती है और अब मेरे सामने नाटक कर रही है.

शर्मीला – बहुत दर्द हो रहा है सर. मैं मरने वाली हु.

मैं उसकी एक भी नहीं सुनी और उसको चोदता रहा. उसकी चूत से खून निकलने लगा और वो दर्द से चिल्लाने लगी थी. मैंने अपने हाथ से उसके मुह को पकड़ लिया और दबा दिया, ताकि उसके चिल्लाने की आवाज़ कोई ना सुन सके. अब मेरे धक्के तेज हो चुके थे. शर्मीला की दर्द भरी आहे अब कामुक सिसकियो में बदल चुकी थी और उसका शरीर मस्ती में मचलने लगा था. मैंने अब उसके हाथ से अपने हाथ हटा लिए थे. कुछ देर में, उसका बदन अकड़ने लगा था. मुझे समझ आ गया था, कि वो झड़ने वाली है. कुछ ही सेकंड में, वो झड़ गयी और अब मेरे भी धक्के तेज हो चुके थे. मैंने कुछ ही मिनट में अपने लंड से गरम पिचकारी निकलती महसूस की. मेरे गरम वीर्य से उसकी चूत सरोबर हो चुकी थी. शर्मीला की चूत और मेरा लंड अब खून में और हम दोनों के वीर्य में सना हुआ था.

उसको चोदने के बाद, मैंने बगल में गिर गया और हम दोनों सुबह एक ऐसे ही नंगे और गंदे एक दुसरे की बाहों में पड़े रहे. सुबह, वो तैयार हुई और अपने घर चली गयी. उसके बाद मैंने उसको कई बार चोदा और मज़ा किया.

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